THE BASIC PRINCIPLES OF HANUMAN MOHINI MANTRA

The Basic Principles Of hanuman mohini mantra

The Basic Principles Of hanuman mohini mantra

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ॐ हं हनुमते नम:। ‘ ”अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥” ‘ॐ अंजनिसुताय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो मारुति प्रचोदयात्।

उनका नाम सुमिरन करने से ही भक्तो के सारे काम बन जाएंगे



नमो ब्रह्मन् जगत्स्रष्टस्तदुद्भव नमोऽस्तु ते ॥ २॥

हनुमान जी अपने भक्त की हर संकट से रक्षा करते है

     सर्वकालदुश्टबुद्धीनुच्चाटयोच्चाटय परबलानि क्षोभय क्षोभय

    वातात्मजम् वानरयूथमुख्यम् श्रीरामदूतम् शरणम् प्रपद्ये॥

ऊँ दक्षिणमुखाय पंचमुखहनुमते करालवदनाय नारसिंहाय ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रौं ह्रः सकलभूतप्रेतदमनाय स्वाहा।

रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिङ्गाक्षोमितविक्रम:।।

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय परकृतयन्त्रमन्त्र पराहंकार भूतप्रेत पिशाचपरदृष्टिसर्वविघ्नतर्जनचेटकविद्यासर्वग्रहभयं निवारय निवारय स्वाहा।



एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:।

Iravan was a fantastic warrior and had no issue with that, but he was unmarried and didn't would like to die a bachelor. That's why, he click here place forth his want before Lord Krishna that he needed to marry ahead of his death.

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